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पेंशन घोटाला: निलंबित जिला समाज कल्याण अधिकारी ने किया कोर्ट में समर्पण, 2.53 करोड़ रुपये का किया था गबन

 

वृद्धावस्था पेंशन पर डाका डालने के लिए राजेश कुमार ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पद पर रहते हुए पूरा गिरोह बना लिया था। उसने लगभग दो करोड़ 53 लाख रुपये का गबन किया था। इस मामले में अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार भी हो चुके हैं। 

विस्तार

शाहजहांपुर में वृद्धावस्था पेंशन घोटाले के मुख्य आरोपी तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वहां से उसे 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर घोटाले के राज सामने लाएगी।


 मार्च 2023 में समाज कल्याण विभाग में वृद्धावस्था पेंशन घोटाले का खुलासा हुआ था। जालसाजों ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के डोंगल का इस्तेमाल कर 2390 बुजुर्गों की पेंशन दूसरे खातों में भेज दी थी। घोटाला सामने आने के बाद समाज कल्याण निदेशालय ने राजेश कुमार को निलंबित कर दिया था। 

लगभग दो करोड़ 53 लाख रुपये के घोटाले में 20 सितंबर को वर्तमान जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह की ओर से राजेश कुमार समेत नौ आरोपियों को नामजद करते हुए सदर बाजार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। अब तक पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

पुलिस पांच महीने से राजेश की तलाश कर रही थी। दबाव बढ़ता देखकर शनिवार को राजेश कुमार ने सीजेएम कोर्ट में समर्पण कर दिया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। राजेश कुमार मूल रूप से मऊ जिले का रहने वाला है। सीओ सिटी बीएस वीरकुमार ने बताया कि पुलिस राजेश कुमार से पूछताछ करेगी



गैंग बनाकर डाला था पेंशन पर डाका
वृद्धों की पेंशन पर डाका डालने के लिए राजेश कुमार ने जिला समाज कल्याण अधिकारी पद पर रहते हुए पूरा गिरोह बना लिया था। उसने अपना डोंगल गिरोह के सदस्यों को दे दिया था। इसके जरिये बुजुर्गों के खातों में पेंशन का कुछ हिस्सा डालकर बाकी रकम हड़प ली। अभी तक लगभग 29 लाख रुपये की ही रिकवरी हो सकी है। 

जिले में एक लाख दो हजार बुजुर्गों को समाज कल्याण विभाग की ओर से एक हजार रुपये मासिक पेंशन जारी होती है। तीन महीने में आने वाली पेंशन वृद्धजनों के लिए बड़ा सहारा साबित होती है। पिछले साल मार्च में जिले के तमाम बुजुर्गों के खाते में जब पेंशन की रकम नहीं पहुंची तो उन्होंने समाज कल्याण विभाग के चक्कर लगाने शुरू किए जब रोजाना कई लोग पेंशन न आने की शिकायत लेकर आने लगे तो अधिकारियों को धोखाधड़ी की आशंका हुई। 

राजेश कुमार ने भी 28 मार्च के बाद कार्यालय जाना बंद कर दिया। जिलास्तरीय चार सदस्यीय टीम ने पांच अप्रैल को 54 पेज की रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी थी। इसके बाद सीडीओ ने निदेशालय को समाज कल्याण अधिकारी के निलंबन की संस्तुति कर दी थी। 

समाज कल्याण निदेशालय ने संयुक्त निदेशक अरुण कुमार पांडेय की अध्यक्षता में डीडी अजयवीर सिंह यादव, वरिष्ठ लेखाकार नीरज मद्धेशिया की टीम जांच के लिए गठित की थी। जांच में सामने आया कि 2390 खातों में हेरफेर किया गया था। इन खातों से रकम दूसरे खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली गई थी। लगभग दो करोड़ 53 लाख रुपये के घोटाले की पुष्टि हुई थी। 

घोटाले में अब तक हो चुकी तीन की गिरफ्तारी 
जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह ने 20 सितंबर 2023 को पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार के अलावा सीतापुर निवासी विशाल सक्सेना और सूरज, शाहजहांपुर के साकिब, सीतापुर के खुशाल, कांट के प्रियांशु शर्मा, सदर बाजार थाना क्षेत्र निवासी रामऔतार, निकरा निवासी सतीश कश्यप, कांट के पलहौरा गांव निवासी पप्पू को नामजद करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 

शुक्रवार को थाना सदर बाजार क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज के आगे पंप के सामने से सीतापुर के अनूप व कांट के जयपाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि दोनों के नाम दर्ज एफआईआर में नहीं थे। उनके पास से कई अधिकारियों की मोहरे बरामद हुईं थीं। इससे पहले पुलिस ने कांट के कुर्रियाकलां निवासी रामऔतार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उससे पूछताछ में कई खुलासे हुए थे, जिसके बाद क्राइम ब्रांच आरोपियों पर लगातार नजर बनाए हुई थी। अभी जल्द ही कई और आरोपियों को पकड़ने का दावा पुलिस कर रही है।

 


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